और ये दुनिया....... दुनिया पहेली ,क्या सवाल है
और ये दुनिया
दुनिया पहेली ,क्या सवाल है
उलझा-उलझा सा सवाल
है
हर शय यहाँ जैसे राज है
पढ़ना चाहों तो किताब है
दुनिया पहेली ,क्या सवाल है
देखा है क्या इसका चेहरा कभी
पल-पल ये करवट बदलती है क्यों
लम्हों के सायो में ढलती है क्यों
ना जानू मै ना जाने तू
दुनिया पहेली ,क्या सवाल है
कहीं जन्मों से प्यासी रेत है
कहीं बिन कहें बरसात है
कोई लहरों के साथ बह रहा
कोई साहिल पे बेकरार है
मै ढूढू बीते दिनों के निशां
मिलता नही एक पल भी यहाँ
उलझा हुआ ना जाने कहाँ
किसे खबर किसे पता
ये राज क्या है ना जाना
समझा ना कोई इसे
नजरों का धोखा है
या है कोई धुँआ धुँआ सा
दुनिया पहेली है या सवाल है
पूरी दुनिया की परिभाषा इन पंक्तियों में आ गई
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